मंगलवार, मार्च 06, 2007

कांप उठी धरती

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आज ऑफिस में काम लगा हुआ था कि यहाँ के समयानुसार करीब 11:50 ऐसा लगा कि चक्कर आ गया! सिर उठा कर देखा तो खिड़की पर लगे ब्लाइंड्स और दीवार पर झूलती हर चीज़ हिल रही थी. साथ ही कमरे के बाहर से कुछ चीखने चिल्लाने की आवाज़ें भी सुनाई दीं.
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मेरी सेक्रेटरी धाड़ से दरवाज़ा खोल कर अंदर घुसी और पूछा,” अनुराग, तुमने भी महसूस किया क्या?” मैं ने कहा,” शायद हलका सा भूकंप (ट्रेमर) है.” उसने कहा,”मैं नीचे जा रही हूं.” मैं ने उसको चेताया कि ऐसे में उसे लिफ़्ट से नहीं जाना चाहिये. बेचारी घबराई तो थी ही बोली,”अनुराग, मैं पेट से हूँ, 37 मंज़िल से उतर कर तो जा नहीं सकती, लिफ़्ट से जा रही हूं – जो होगा देखा जायेगा.”
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कुछ देर झूला झुलाने के बाद हमारी बिल्डिंग का हिलना बंद हो गया और काम धाम फिर शुरू. दोपहर का खाना खाने के बाद करीब 1:50 मिनट पर जब मैं अपने ऑफिस में वापस आया तो बी.बी.सी. की साइट पर भूकंप की खबर पढ़ने के लिये जैसे ही उसे खोला, भगवान जी का झूला फिर शुरू. इस बार भगवान जी ने पेंग कम लम्बी भरी थी लेकिन पहले की अपेक्षा अधिक देर तक झूला झुलाया.
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इसी बीच बच्चों के स्कूल ने सभी अभिभावकों को ई-पत्र भेज कर तुरंत सूचित किया कि सारे बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें खुले मैदान में इकठ्ठा करके आपदा ड्रिल करवाई जा रही है.
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भूकंप की खबर यहाँ पर पढ़ी जा सकती है.
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सोच रहा हूं कि अगर भूकंप के ये झटके हल्के ना होकर तेज़ या विनाशकारी होते, तो गगनचुम्बी इमारतों में कार्यरत लोग अपना बचाव कैसे करते?

6 टिप्‍पणियां:

अफ़लातून ने कहा…

गजब हैं ,महाराज !किसी संवाददाता से ज्यादा फुर्ती से यह पोस्ट डालने की उत्कटता !सुमात्रा से कम नुकसान हुआ होगा,आप के यहाँ,आशा है।कुशल क्षेम चाहता हूँ ।
तुरन्त लिखने की प्रेरणा पर अलग से लिखिएगा।आपकी सचिव नीचे उतरीं या नहीं?

बेनामी ने कहा…

भूकंप के बारे में आपसे ही जाना.

आशा है ज्यादा नुकसान नहीं हुआ होगा.

भूकंपरोधी इमारते ही इलाज है, दूसरा क्या उपाय हो सकता है?

पंकज बेंगाणी ने कहा…

भई आप कुशलता से हैं, राहत है..

लेकिन सैंकडो लोग मारे गए है, अभी देखा.. है प्रभु.

गुजरात का भुकम्प याद आ रहा है, और पसीना भी.

बेनामी ने कहा…

11:50 पे भूकंप आया और १ बजे आप फिर काम पे लग लिये...क्या बात है !

आशा है आप व आपका परिवार सकुशल होंगे...

Udan Tashtari ने कहा…

आपके साथ सब कुशल मंगल होगा?

-सब ईश कृपा है.

RC Mishra ने कहा…

सबकी कुशलता की कामना करता हूँ।