सोमवार, अगस्त 12, 2019

माता का सहारा

राज पाट का मोह त्याग
जब बबुआ फारेन भागे
दरबारी सब जमा हुए
माता की शरण में भागे

बोले माता ये बबुआ तो बैंकाक जा भागे
कर अनाथ कर हमको जाते ना पीछे ना कोई आगे

माता बोलीं ना घबराओ
हमरी शरण में आ जाओ
हम ऐसा मार्ग दिखायेंगे
सबके दिल पर छा जाएंगे

अब वंश वाद को चूर करेंगें
सत्ता से उनको दूर करेंगे
अब राज तुम्हें करना होगा
नेता नव अब चुनना होगा

तुम सब बैठक में आ जाओ
नेता एक नया सुझा जाओ
हम भी कुछ राह सुझाएंगे
सब मिल गुत्थी सुलझाएंगे

सब जन माता जयकार किहिन
कुछ तो सिर ताज भी लिहे पहिन
कुछ बत्तीसी भी लिहे चिहार
सोचे हमही हैं नव कुमार

बैठक में लपझप धमक गए
माता के सम्मुख चमक गए
सबने चर्चा में हाथ बटाया
फिर माता ने ये फरमाया

मैं अब कुछ नाम सुझाती हूँ
एक सूची मैं दिखलाती हूँ
विकल्प तुम्हे देती अनेक
इनमें से चुन लो कोई एक

एक तो है बबुआ की माता
या चुनो प्रियंका की माता
राजू की है मेहरारू भी
इंदिरा की बहू जुझारू भी
रैहान की लवली नानी है
वाड्रा की सास लुभानी है

सब जन गण खुशी से झूम गए
माता चरणों को चूम गए
बोले माता तुम हो महान
वारें तुम पर हम ये जहान
तुमने पॉवर का त्याग किया
पॉवर से फिर वैराग्य लिया
हम गीत तुम्हारे गाते हैं
तुम पर हम शीश नवाते हैं

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