tag:blogger.com,1999:blog-33207856.post7838222417615724705..comments2023-07-03T20:08:03.346+08:00Comments on पानी के बताशे: पीकदान महादानअनुराग श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/17660942337768973280noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-63259744867441231642007-02-02T23:25:00.000+08:002007-02-02T23:25:00.000+08:00bahut majja aayabahut majja aayaVishal Bachchanhttps://www.blogger.com/profile/12275425679735590852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-25481191898320446832007-01-19T23:49:00.000+08:002007-01-19T23:49:00.000+08:00पीक में ही तो असली स्वाद घुला होता है. उसे थूकना त...पीक में ही तो असली स्वाद घुला होता है. उसे थूकना तो शेखचिल्लियों का काम है जो केला छील कर छिलका खा लेते हैं और अंदर का माल कूड़ेदान में फेंक देते हैं.<br /><br />घोर पापम घोर पापम.अतुल श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17285074473402112374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-43783820586286787612007-01-17T10:18:00.000+08:002007-01-17T10:18:00.000+08:00लेख पढ़कर आनंदित हुआ !लेख पढ़कर आनंदित हुआ !अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-25554031923734166132007-01-13T01:40:00.000+08:002007-01-13T01:40:00.000+08:00हा हा हा! वाह वाह अनुराग भाई! आपने तो ऐसा यथार्थ द...हा हा हा! वाह वाह अनुराग भाई! आपने तो ऐसा यथार्थ दृश्य दिखाया कि बस!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-1633601304088644902007-01-12T04:46:00.000+08:002007-01-12T04:46:00.000+08:00भाई अनुराग जी,
पीकदान की विभिन्न प्रक्रियाओँ का इ...भाई अनुराग जी, <br />पीकदान की विभिन्न प्रक्रियाओँ का इतना सहज, गहन और चित्रात्मक विश्लेषण! और साथ ही उसके लाभोँ का वर्णन - अतीव आनन्दम्। जुगाली करते हुए ही मैंने इस लेख का आनन्द लिया और बड़ी मुश्किल से पीकदान को स्थगित रखा। <br /><br />मैं इन सभी प्रक्रियाओँ की सत्यता को पूर्णत: प्रमाणित करता हूँ। <br /><br />इतना गम्भीर और गहन अध्ययन तो शेरलॉक होम्स ने भी किसी घटना का नहीँ किया होगा। <br /><br />दूसरी बात यह कि यदि यह लेख किसी गुटखा निर्माता ने पढ़ लिया तो वे अपने उत्पादों के आवरणों पर उनके अनुप्रयोग से होने वाली सम्भावित हानियोँ की चेतावनी के साथ-साथ इन लाभोँ का भी प्रकाशन करने लगेंगे।<br /><br />और हाँ, जो सज्ज्न इसका प्रयोग आरम्भ करना चाहते हैं तो वे जान लें कि इसके प्रयोग से हानियोँ की सम्भावना अधिक है। (नेपथ्य में - यह लेख पढ़ कर यदि सभी ब्लॉगर पान खाने लगेंगे तो फिर तो सभी खिड़की वाली सीट के प्रत्याशी हो जायेंगे)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-85878700296749706592007-01-11T20:34:00.000+08:002007-01-11T20:34:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !!!
थैंक्स फोरम दिस 'पीक...॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !!!<br /><br />थैंक्स फोरम दिस 'पीकदानम महादानम' स्पेशल अध्यायम। आवाम सर्वम मस्ट इट गुटखाम।<br /><br />धन्य धन्य त्वं महाभागम हू टोल्ड अस नादानम दिस ग्रेट फिलोस्फी ऑफ पीकदानम।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-58788597324272901602007-01-11T16:41:00.000+08:002007-01-11T16:41:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा
॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा
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॰॰॰आनंदम !...॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰आनंदम्<br />॰॰॰आनंदम !!!<br /><br />अनुराग जी, आप तो छा गये!!! क्या लिखा है भाई, लगता है अब हमें भी यह आनन्द लेना पड़ेगा। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-10126615763344228122007-01-11T16:35:00.000+08:002007-01-11T16:35:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !!!
वाह क्या बात है प्रभु...॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !!!<br />वाह क्या बात है प्रभु? <br />कहाँ थे इतने दिन? तुम्हारा गुटखा पुराण का पीकदान महादान अध्याय पढकर, तो तन-मन आनंदित हो गया। अब तो इसका प्रैक्टिकल करने की इच्छा हो रही है। तमने तो ज्ञान चक्षु ही खोल दिए, समस्त प्राणीजनों का तरफ़ से शत शत प्रणाम स्वीकार करो।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-13770529323423454492007-01-11T14:01:00.000+08:002007-01-11T14:01:00.000+08:00हा हा...सच में पढ़ के आनन्द आ गया .....बहुत ही सुं...हा हा...सच में पढ़ के आनन्द आ गया .....बहुत ही सुंदर तरीक़े से शब्दो को पिरोया है !!॰॰॰आनंदम्<br /><br /><br />र्रन्जूरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-12989269265369859612007-01-11T12:32:00.000+08:002007-01-11T12:32:00.000+08:00॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम॰॰अह...॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम<br /><br />क्या सचमुच इतना मजा आता है? भाई, मैं गुटखा खाना चाह्ता हुँ.... :)पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-40154947581727563102007-01-11T12:22:00.000+08:002007-01-11T12:22:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा
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समय रहते चे...॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰आनंदम्<br />॰॰॰आनंदम !!!<br /><br />समय रहते चेता दिया गुरू. वरना यह जिन्दगी बीना पिकदान का आन्नद प्राप्त किये बित जाती. अभी घनघोर पीक पैदा करनेवाला मसाला ले आता हूँ, तथा पीकमार साधना में लिन हो जाता हूँ.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-20582288637164588602007-01-11T12:01:00.000+08:002007-01-11T12:01:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम इसको पडने के बाद तो वाकई ...॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम इसको पडने के बाद तो वाकई लगता है पीकदान महादान और इसी दान के बलबूते आप जबरदस्त लिख गये <br /><i>पारो तो छूट गयी लेकिन हम चन्द्रमुखी के गुलाम बन गये</i>। <br />तभी तो किशोर दा गा गये हैं चन्द्रमुखी हो या पारो कि फर्क पेंदा यारोAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-45967004598322782082007-01-11T11:19:00.000+08:002007-01-11T11:19:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा
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॰॰॰आनंदम !...॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰आनंदम्<br />॰॰॰आनंदम !!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-11157638869830453402007-01-11T08:54:00.000+08:002007-01-11T08:54:00.000+08:00यार मार डालोगे क्या हंसा हंसा कर. क्या जबरदस्त लिख...यार मार डालोगे क्या हंसा हंसा कर. क्या जबरदस्त लिखे हो, यह तो बिना मसाला खाने वाला लिख ही नहीं सकता...बहुत खुब,बनाये रहो महौल. शानदार...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-19769406715123853872007-01-11T05:58:00.000+08:002007-01-11T05:58:00.000+08:00bhiya itna close observation.....lagta hai "sarkar...bhiya itna close observation.....lagta hai "sarkari daftaro' ke bahut ki chakkar mare ho.....bahute maza aaya....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-6634986285039180942007-01-11T02:51:00.000+08:002007-01-11T02:51:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा
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॰॰॰आनंदम !!!॰॰॰अहहा॰॰॰अहहा<br />॰॰॰आनंदम्<br />॰॰॰आनंदम !!!obelixhttps://www.blogger.com/profile/16138811176568950349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-14402384836124367182007-01-11T02:22:00.000+08:002007-01-11T02:22:00.000+08:00क्याआआआ लिखते हो भैया कसम से :D
मजा आ गया। अपन तो ...क्याआआआ लिखते हो भैया कसम से :D<br />मजा आ गया। अपन तो पान अथवा पान पराग खाते नहीं मगर अब पता चला कि खाने वाले को क्या आनंद आता होगा ..।<br />बहुत अच्छा लिखा है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-33207856.post-32134337203292607542007-01-11T01:21:00.000+08:002007-01-11T01:21:00.000+08:00॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !अएसा आनन्द आया कि मारे त...॰॰॰अहहा॰॰॰आनंदम्॰॰॰आनंदम !अएसा आनन्द आया कि मारे तैश के बेड्र रूम की विन्डो से ही पिकिया दिया…।rajeshguptahttps://www.blogger.com/profile/12546029637898938448noreply@blogger.com